Raja -Rancho laughter challenge comedian
श्रीपर्वत के बीच में एक ब्रह्मपुर नामक नगर था। उसके शिखर पर एक घंटाकर्ण नामक राक्षस रहता था, यह मनुष्यों से उड़ती हुई खबर सुनी जाती है। एक दिन घंटे को ले कर भागते हुए किसी चोर को व्याघ्र ने मार डाला ओर उसके हाथ से गिरा हुआ घंटा बंदरों के हाथ लगा। बंदर उस घंटे को बार- बार बजाते थे। तब नगरवासियों ने देखा कि वह मनुष्य खा लिया गया और प्रतिक्षण में घंटे का बजना सुनाई देता है। तब सब नागरिक लोग ""घंटाकर्ण क्रोध से मनुष्यों को खाता है और घंटे को बजाता है'', यह कह कर नगर से भाग चले।
बाद में कराला नामक कुटनी ने सोचा कि यह घंट का शब्द बिना अवसर का है, इसलिए क्या बंदर घंटे को बजाते हैं ? इस बात को अपने आप जान कर राजा से कहा -- जो कुछ धन खर्च करो, तो मैं इस घंटाकर्ण राक्षस को वश में कर लूँ। फिर राजा ने उसे धन दिया और कुटनी ने मंडल बनाया और उसमें गणेश आदि की पूजा का चमत्कार दिखला कर और बंदरों को अच्छे लगने वाले फल ला कर वन में उनको फैला दिया। फिर बंदर घंटे को छोड़ कर फल खाने लग गये और कुटनी घंटे को ले कर नगर में आई और सब जनों ने उसका आदर किया।