कई बार बात करते हुए सामने वाले व्यक्ति को कुछ ऐसे संकेत देने पड़ते हैं जैसे उन्हें लगे कि हम उनकी बातों में दिलचस्पी रखते हैं, ये चीजें क्या हैं और उनको कैसे पहचाने यह जानना बहुत जरूरी है। वर्तमान में हमारे पास बहुत सारे गैजेट्स हैं, बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं, इसलिए बहुत मुश्किलें भी हैं। अगर ये साथ में न भी हों तो वैसी सोच रहती है, यानी हम हमेशा उनके बारे में सोचते रहते हैं। अगर हम कुछ कह रहे हैं उसमें सामने वाला रुचि ले रहा है या नहीं इसका पता हमें चल जाता है। यानी अगर बात के दौरान फोन में घुस गये, इसका मतलब आप बात ध्यान से नहीं सुन रहे, जो कि गलत है, इसलिए नजर से नजर मिलाकर बात करें। नजरें मिलाकर देखने का मतलब घूरना न हो। एक वाक्य पूरा होने वाले इधर-उधर देख सकते हैं, नहीं तो सामने वाले को समस्या हो सकती है। इसके अलावा सही बात पर स्माइल भी दें। इसलिए जब भी किसी से मिलें तो अपने चेहरे का भाव सामान्य रखें।