गोरखपुर: गिलाफ-ए-काबा और कदम-ए-रसूल की जियारत को यहां जुटते हैं लोग

inext 2016-09-28

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गोरखुपर शहर में इस्लाम से सबंधित तमाम पवित्र वस्तुएं (तबरूकात) मौजूद है. जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. उनमे से एक अजीम तबरूकात है मिस्र की कुंवारी लड़कियों के हाथों से बना 176 साल पुराना गिलाफ-ए-काबा. इसी के साथ है मदीना से लाया गया कदम-ए-रसूल व बगदाद से लाया गया हजरत गौसे पाक के मजार का पवित्र पत्थर. यह सब मौजूद है एक छत के नीचे जाफरा बाजार स्थित सैयद नौशाद अली सब्जपोश के घर में. ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज्हा के मौके पर हर खासो आम के लिए जियारत आम मस्जिद सब्जपोश हाउस जाफराबाजार में होती है. सब्जपोश खानदान के सैयद दानिश अली सब्जपोश ने बताया कि इन पवित्र वस्तुओं को सन् 1840 में मीर अब्दुल्लाह पवित्र हज यात्रा के दौरान वापसी में लेकर आये थे।

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