चीन से अभी भी हमें बहुत डरने की जरुरत है क्यों की चीन का रक्षा खर्च 80 बिलियन अमेरिकी डालर है जब की हमारा खर्च मात्र 22 बिलियन अमेरिकी डालर है| शत्रु की सेना में 2255000 जवान हैं जब कि हमारे पास सिर्फ 1325000 जवान हैं |चीन के पास 9218 युद्धक विमान और 500 एअर बेस है जब की हमारी सेना में 3382 युद्धक विमान एवं 334 एअरबेस है और INS विराट इसकी शोभा बढ़ा रहा है और सुकून की बात है की INS कोलकता और INS विक्रमादित्य को श्री मोदी जी ने शीघ्र सेना को सौप दिया
चीन के पास रुस निर्मित SU30MK और J10 युद्धक हैं तो भारत के पास फ़्रांस निर्मित मिराज और रूस निर्मित MIK |भारत को इस बात की सुखद अनुभूति होनी चाहिए की इसके पास नौसैनिक युद्ध का अनुभव है पाकिस्तान के साथ जिस युद्ध में कृष्णन के द्वारा गाजी नाम की पनडुब्बी का विध्वंस कर दिया गया था और इस तरह आई एन एस राजपूत और कृष्णन के साथ भारतीय नौसेना ने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था और चीन के पास नौसैनिक युद्ध का कोई अनुभव नहीं है |
लेकिन परमाणु शक्ति में भारत कहीं भी नहीं टिकता चीन के आगे क्यों की चीन के पास सूचना के अनुसार कम से कम 500 परमाणु हथियार हैं जब की भारत के पास मात्र 80 हथियार है इस तरह चीन भारत को युद्ध में राख कर सकता है क्यों की भारत का क्षेत्रफल भी कम है इस तरह जनसँख्या घनत्व ज्यादा है और नुक्सान बहुत होगा |और कोढ़ में खाज की बात ये है की भारत के प