नोबेल पुरस्कार क्यों शुरू किया गया ? | civil sewa|

SEWA CIVIL 2017-10-25

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1888 में एक अखबार ने अलफ्रेड नोबेल के मरने की खबर छाप दी। जबकि असलियत में मौत उनके भाई की हुई थी। अखबार में लिखा था “मौत के सौदागर की मौत”। अखबार ने डायनामाइट के अविष्कार की बहुत निंदा की। अपनी ही मौत की खबर पढ़कर नोबेल को गहरा सदमा लगा। उन्होनें सोचा क्या मौत के बाद दुनिया उन्हें इसी नाम से पुकारेगी। इसलिए उन्होनें एक वसीयत लिखी जिसमें उसने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए अलग रख दिया। और आज लोग इन्हें मौत के सौदागर के नाम से नही बल्कि सबसे बड़े पुरस्कार के नाम से जानते है।
जय हिन्द

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