रविवार को कानपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या बढ़कर 138 हो गई है। इस समय राहत और बचाव कार्य जारी है। सोमवार सुबह नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) के एक बचावकर्मी ने कहा कि ट्रेन में अब भी कुछ लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके बचे होने की उम्मीद बेहद कम है। हादसे में 400 से ज्यादा लोग घायल हैं। गंभीर रूप से घायलों का इलाज कानपुर के हैलट अस्पताल में चल रहा है। पिछले 6 साल में ये सबसे बड़ा रेल हादसा है। वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज संसद के दोनों सदनों में कानपुर हादसे पर बयान देंगे।
इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाता तो घटना और भयानक होती
एक छोटी सी चूक के चलते इंदौर से पटना (राजेंद्र नगर टर्मिनल) जा रही 19321 अप एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पुखरायां और मलासा स्टेशन के बीच दलेल नगर गांव में रविवार सुबह 3:07 बजे पटरी से उतर गई। इस बात की पुष्टि ट्रेन के ड्राइवर ने की है। उसके मुताबिक, ट्रेन में लर्च (ट्रैक के नीचे जमीन धंसने से ट्रेन को लगने वाला झटका) की वजह से इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ी। उस समय ट्रेन की रफ्तार 108 किलोमीटर प्रति घंटा थी। अचानक पहिए थमने से कई डिब्बे पटरी से उतर गए।
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