उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हिन्दुस्तान शिखर समागम के मंच से कहा, मुझे पार्टी बनाने की ज़रुरत नहीं है। ये मेरी पार्टी है। मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, शोभना जी का धन्यवाद। मैं सबसे पहले हिन्दुस्तान अखबार का धन्यवाद करूंगा, मुझे बोलने का मौका दिया गया। कांग्रेस और भाजपा को पहले बोलने का मौका दिया जाता तो बेहतर रहता। फिर मैं आराम से जवाब देता।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कटाक्ष करते हुए कहा कि आज नाश्ता कौन कर पा रहा है। सभी लाइन में लगे हैं। उन्होंने अपने सूक्ष्म संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि लैपटॉप के बाद यूपी के लोग स्मार्टफोन की ओर जा रहे हैं।
विपक्ष का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि स्मार्टफ़ोन हमारे घोषणा पत्र जैसा है। हमारी सरकार ने लैपटॉप दिए। सड़कें और बिजली उदाहरण है। गांव में 16 से 18 घंटे बिजली आ रही है। शहर में 24 घंटे बिजली आ रही है। समाजवादी पेंशन दी जा रही है। 1090 से महिलाएं सुरक्षित है।
सवाल- आप नयी पार्टी बनाएंगे?
जवाब- मुझे पार्टी बनाने की ज़रुरत नहीं है। ये मेरी पार्टी है। मैं ऐसा सोच भी नहीं सकता।
सवाल- झगड़ा आम लोगों पर पड़ता है?
जवाब- अब कोई झगड़ा नहीं है। पत्रकार लोगों से दुखी हैं।
सवाल- समर्थकों पर क्या असर पड़ता है झगड़े का?
जवाब- नेताजी ने सबको समझा दिया। अब सब साईकल के साथ है।
सवाल- ये भी अफवाह है कि आपकी छवि को सही करने के लिए ये सब किया गया है।
जवाब- इस पर नहीं दूसरी चीजों पर बात करनी चाहिए। कई कहानी निकलेंगी जो लोग अखबार में पढ़ चुके हैं।
सवाल-नौकरियों की क्या हालत है?
जवाब- स्किल डेवेलपमेंट का प्रोग्राम हमने शुरू किया। 1 महीने में 20000 युवाओं को नौकरी दे दी। बिजली विभाग में कई नौकरी दी गयी।
सवाल- स्किल डेवेलपमेंट से पहले शिक्षा पर भी तो बात होनी चाहिए?
जवाब- हमने कई कॉलेज खोले। मेडिकल के कॉलेज बढे।
सवाल-आप एक विदेशी सलाहकार लाएं हैं?
जवाब- हमें नयी चीज़ों का स्वागत करना चाहिए। सलाहकारों की राय लेनी चाहिए। अगर कोई व्यवस्था हो जिससे फायदा हो तो उससे गुरेज नहीं।