जिला अस्पताल में बाहर से दवाइयां लिखने की आदत अभी भी कम नहीं हुई है। सोमवार को एक बीमार बुजुर्ग को डाक्टर ने बाहर की दवा लिख दी। वह सिर्फ एक इंजेक्शन खरीद पाए। अन्य दवाओं के लिए उनके पास रुपये नहीं थे। वे शिकायत लेकर आपके लोकप्रिय अखबार के आफिस पहुंच गए। उन्होंने आपबीती डीएम तक पहुंचाने की गुहार लगाई। बहुली गांव के 77 साल के बुजुर्ग गोपाल राम बीमार हैं। वह अंत्योदय कार्ड धारक हैं। सोमवार को वे जिला अस्पताल गए। 17 रुपये की पर्ची बनाई। डाक्टर के आने का इंतजार किया। लाइन में लगे। उन्होंने बताया कि बमुश्किल डाक्टर तक पहुंचे। डाक्टर ने जांच के बाद पांच इंजेक्शन समेत तीन दवाइयां लिखी। एक अन्य दवा अंदर से लेने को कहा। उन्होंने बताया कि वे दवाई की दुकान पर पहुंचे। इंजेक्शन 120 रुपये का एक था। उन्होंने सिर्फ एक ही खरीदा। चार इंजेक्शन के लिए रुपये नहीं थे। अन्य दवाइयां भी वे नहीं ले पाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में अंत्योदय कार्ड पर कोई छूंट नहीं मिल रही है। पर्ची बनाने को रुपये लग रहे हैं। दवा अंदर से नहीं मिल रही है। वे गरीब हैं। बुजुर्ग हैं। उनकी कोई इनकम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में ऐसा नहीं था। भाजपा आने के बाद गरीब का कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने जिला अधिकारी से अस्पताल में बाहर से लिखी जा रही दवाइयां पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। इधर गांव गरीब महिला उत्थान मंच के संस्थापक विशन टंगड़िया, ग्वल सेना के संयोजक हेम पंत तथा मानवाधिकार संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एनबी भट्ट ने कहा कि जिला अस्पताल में दवाइयां बाहर से लिखी जा रही हैं। गरीब परिवारों के सामने दवा का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि डीएम को इस पर कार्रवाई करनी होगी। इधर सीएमएस डा. एमपी सिंह ने कहा कि डाक्टरों को बाहर से दवा नहीं लिखने को कहा गया है। इस प्रकरण की जांच होगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।