जानिए, हिन्दुस्तान को स्वच्छ बनाने में पुरूषों से क्या अपेक्षाएं रखती हैं महिलाएं

Hindustan Live 2018-02-16

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हिंदुस्तान की ओर से आयोजित 'मां कसम हिन्दुस्तान स्वच्छ रखेंगे हम' के लिए आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची महिलाओं की पुरूषों से काफी अपेक्षा है। जानिए क्या चाहती हैं महिलाएं।


हिंदुस्तान की ओर से आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पहुंची महिलाओं की पुरूषों से काफी अपेक्षा है। ये अपेक्षा पूरी नहीं होने पर वे निराश हो जाती हैं। कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं ने स्वच्छता को लेकर पुरुषों पर निशाना साधा और कहा कि घर की साफ-सफाई में पुरुष महिलाओं का हाथ नहीं बंटाते हैं। उल्टे अपार्टमेंट की सीढ़ी से लेकर घर के अंदर बेसिन तक को गंदा करते हैं। महिलाओं ने साफ तौर पर कहा कि घर के अंदर अगर पुरुष सफाई में साथ दे तभी महिलाएं बाहर गली-मुहल्लों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले सकती हैं।
पूर्व डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि स्वच्छता का मतलब महिला ही माना जाता है। जबकि यह सबों की संयुक्त रुप से जवाबदेही है। पुरुष की वजह से शहरभर में हर सीढ़ी का किनारा पान और गुटखा से गंदा रहता है। पुरुषों को स्वच्छता को लेकर समझादारी विकसित करनी चाहिए।
नेत्री संगीता तिवारी ने कहा कि घर के अंदर जितनी सफाई में महिलाएं करती हैं। उसका एक प्रतिशत भी पुरुष नहीं करते है। उल्टे घर को गंदा करने में जुटे रहते है। कहीं से भी आते है। और जूता-चप्पल के साथ ही अंदर प्रवेश कर जाते हैं।
नेत्री कोमल सृष्टि ने कहा कि घर के अंदर और बाहर महिलाओं की जवाबदेही ही बनकर रह गयी है। पुरुष घर के कपड़े से लेकर झाड़ू-पोछा या फिर घर की अन्य सफाई के समय घर से ही बाहर चले जाते हैं। जो कि गलत है। कुमुद कुमारी गुप्ता ने भी कहा कि सफाई में महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी आए। आज शपथ लिया है तो घर जाकर सफाई में पत्नियों का हाथ जरुर बटाएं। मौके पर सीमा चंद्रा, अनिता सुमन, जिया गोस्वामी ने भी माना कि शपथ ग्रहण में आने से काम नहीं होगा। बल्कि घरों में सफाई में मदद भी करनी होगी।
हालांकि पुष्पलता वर्मा ने कहा कि उनके साथ उनके पति सफाई और अन्य कामों में हाथ बटाते हैं। इसलिए मैं उम्मीद कर रही हूं कि इस शपथ ग्रहण से पुरुष को सीख लेनी चाहिए। तभी घर के अंदर और बाहर साफ-सथुरा माहौल बना रहेगा।

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