मंदार(बांका)। आध्यात्मिक और संस्कृति का संगम मंदार महोत्सव 2018 कई यादगार लम्हों को समेटे बुधवार को संपन्न हो गया।
समापन समारोह में महोत्सव में आए किसान, कलाकार, छात्र व अन्य को डीएम कुंदन कुमार, एसपी चंदन कुमार व अन्य पदाधिकारियों के हाथों सम्मानित किया गया।
विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों को एक साथ यहां पापहरणी सरोवर, मंदार पर्वत, मधुसूदन मंदिर आदि का आध्यात्मिक दर्शन होता है वहीं महोत्सव परिसर में लगे सांस्कृतिक मंच और मेला लोगों का एक साथ मनोरंजन करता है।
बांका जिले का मंदार पर्वत पौराणिक गाथाओं का केन्द्र रहा है। इसी को केन्द्र में रखकर हर साल मकरसंक्राति के अवसर पर यहां मेले का आयोजन होता है। कुछ वर्ष पूर्व इस बौंसी मेला को मंदार महोत्सव का नाम दिया गया।
इस मेला का स्वरूप देखा जाए तो पता चलेगा कि मंदार महोत्सव अंग प्रदेश का एक अनूठा आयोजन है जहां शहरी व देहाती परिवेश एक जगह आकर सिमट जाता है। चाहे पापहरणी सरोवर में स्नान हो या फिर मंदार पर्वत से लेकर बौंसी मेला तक का दृश्य हो।
वर्ष 2018 में मंदार महोत्सव को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त होने से इसकी मिटती गरिमा वापस आ गई है। साथ ही इस बार जिला प्रशासन के द्वारा अत्याधुनिक रूप से मेले का आयोजन एक बेहतर संदेश देकर गया है। हालांकि बौंसी मेला आगामी 25 जनवरी तक चालू रहेगा।