अजन्मे के जन्म की लीला ने एक बार फिर पूरे विश्व को भक्ति के समंदर में गोते लगवाए। मंगलवार रात 12 बजे मथुरा में कान्हा का जन्म होते ही संसार सागर में श्रद्धा की हिलोरें उठ गईं। मंदिर संग घरों से घण्टे-घड़ियाल के बीच जय कन्हैया लाल के सामूहिक स्वरों ने फिजाओं को अपने रंग में रंग लिया। झिलमिल विद्युत रोशनी के साथ ही नीलगगन भी नीली छतरी वाले के उत्सव के प्रकाश से प्रकाशित होता दिखाई दिया।