लखीसराय के पोखरामा में स्थित भगवान सूर्य का मंदिर, जानें क्या है इसकी कहानी?

Hindustan Live 2018-02-16

Views 45

लखीसराय। लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत पोखरामा गांव में भगवान सूर्य का मंदिर अपने आप में अनोखा है। प्राचीन काल में यहां एक सूर्य मंदिर रहने की बात कही जाती है, लेकिन सूर्यदेव की प्रतिमा चोरी हो गई थी। ग्रामीण रामकिशोर सिंह जब मोतिहारी में एसबीआई मैनेजर के बतौर कार्यरत थे, तब उन्हें मंदिर निर्माण कराने का स्वप्न आता रहता था। ग्रामीणों की सहायता से उन्होंने निर्माण शुरू किया और चार सालों तक निर्माण कार्य के बाद 2006 में मंदिर बनकर तैयार हो गया। यहां बनाए गए तालाब में छठ पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। कहा जाता है कि अघ्र्य के बाद मंदिर में सात घोड़े पर विराजमान भगवान सूर्यदेव की पूजा करने पर मनोकामना पूर्ण होती है।
कहा तो यह भी जाता है कि सूर्यगढ़ा में कभी सूर्यवंशियों का राज हुआ करता था। एक पुरातन किला के गंगा के गर्भ में समा जाने की भी किवंदति सुनी जाती है, जिस किले पर सूर्य के चक्ररथ तराशे हुए थे। वहीं गौरीशंकर धाम में राजा सूरजमल के समय सूर्य की उपासना का प्रमुख केंद्र था।

मंदिरों की दीवारों पर सूर्योपासना का महत्व
दो अप्रैल को रामनवमी के दिन उन्होंने मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ किया। चार वर्षों में यह मंदिर बन कर तैयार हो गया। सात अश्वों पर सवार भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा अपने आप में विस्मय प्रदान करती है। इनके अलावा पंच देव सूर्य, गणेश, दुर्गा और विष्णु की भी प्रतिमाएं हैं। मंदिर की दीवारों पर भगवान सूर्य की उपासना के महत्व और महिमा के विभिन्न शास्त्रों के श्लोक भी लिखे हुए हैं। श्री सिंह बताते हैं कि गांव के कुल देवता सूर्य ही रहे हैं, इस कारण ग्रामीण गीतों में पोखरामा सूर्य मंदिर का वर्णन मिलता है। उनके अनुसार भगवान सूर्य की प्रेरणा से ही इस मंदिर का निर्माण हुआ है।

ऐसे पहुंचें मंदिर
यह मंदिर सूर्यगढ प्रखंड के दक्षिणी-पूर्वी भाग अलीनगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत है, जोकि एनएच 80 किनारे बसे अलीनगर से चार किलोमीटर कजरा रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर और प्रखंड मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। ट्रेन और टेंपो के सहारे यहां तक पहुंचा जा सकता है|

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS