सुप्रीम कोर्ट में जब तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल हुई थी, तो हलाला निकाह और बहु विवाह को भी अपराध घोषित करने की मांग साथ में ही की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि संविधान पीठ सिर्फ तीन तलाक पर सुनवाई करेगी। हलाला निकाह और बहु विवाह को बाद में देखा जाएगा। अब तीन तलाक असंवैधानिक घोषित हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट में हलाला निकाह और बहु विवाह के खिलाफ नई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिन पर 26 मार्च को सुनवाई होगी। क्या तीन तलाक के बाद अब हलाला और बहु विवाह बंद होना ज़रूरी है? क्या इस्लाम के नाम पर हलाला और बहु विवाह को जायज़ ठहराया जा सकता है ?