टूनाइट एट नाइन में आपका स्वागत है। 11 साल पहले हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट में 9 बेगुनाह मारे गए थे। लेकिन 11 साल तक चली सुनवाई के बाद आज ये फैसला आया कि इन 9 बेगुनाहों का कोई गुनहगार ही नहीं हैं। असीमानंद समेत 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाने के बाद एनआईए कोर्ट के जज ने इस्तीफा भी दे डाला। फैसला आने के बाद उस भगवा आतंकवाद पर भी सियासी महाभारत शुरू हो गया जिसे मनमोहन सरकार के दो मंत्रियों ने गढ़ा था।