आसाराम पर आरोप इतने गंभीर थे और सबूत इतने मजबूत कि 14 वकीलों की उसकी फौज, दो सरकारी वकीलों के आगे टिक नहीं पाई। कम सजा के लिए आसाराम ने कोर्ट में खूब ड्रामा भी किया. जज से रहम की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हताश होकर आसाराम बोला- अब जैसी ऊपर वाले की मर्जी.