254 दिन समंदर से लोहा लेकर भारत की 6 जांबाज़ बेटियां आज वतन वापस लौट आई हैं. देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन खुद बेटियों का स्वागत किया. 10 सितंबर 2016 को भारत की 6 बहादुर बेटियां समुद्र के रास्ते पूरी दुनिया की यात्रा पर निकली थी. ये दुनिया का पहला ऐसा दल था जिसमें बोट की सभी क्रू मेंबर महिलाएं थी. इस पूरी यात्रा में राशन और बोट की मरम्मत के लिए ये दल केवल चार जगहों ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फॉकलैंड और दक्षिण अफ्रीका में कुछ समय के लिए रुका. महिलाओं का ये दल INSV तारिणी पर सवार होकर दुनिया की यात्रा पर निकला. टीम की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने संभाली, तो लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्वाल सह-प्रभारी थी. इसके अलावा टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर पी स्वाथी, पायल गुप्ता, विजया देवी और बी ऐश्वर्य भी शामिल थीं. सितंबर में महिला दल को भेजते समय पीएम मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने इसे गर्व का पल बताया था और महिला अफसरों की हौसलाअफजाई की थी. अपनी यात्रा में महिला दल ने 26 हजार समुद्री मील का सफर तय किया। कभी 140 किमी की रफ्तार वाली हवाओं ने रास्ता रोका, तो कभी 10-10 मीटर ऊंची लहरों ने, लेकिन लड़कियों का हौसला डिगा नहीं और इन बहादुर महिला अफसरों ने अपना सफर पूरा किया.