अब बात इंडिया न्यूज़ के सहयोगी अखबार संडे गार्जियन के exclusive खबर की....NRC पर ममता के रुख पर ना केवल खुफिया विभाग के लोगों ने बल्कि उनकी पार्टी के नेताओं ने भी चिंता जाहिर की है...इनका मानना है कि ममता का स्टैंड राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है...तृणमुल कांग्रेस के एक बड़े नेता ने संडे गार्जियन बातचीत करते हुए कहा कि ममता इस रवैये के जरिए बंगाल में अपने कोर वोट बैंक को खुश रखना चाहती हैं.....तृणमुल के इस नेता का कहना है कि ऐसे लाखों अवैध घुसपैठिए अकेले कोलकाता में हैं जिनके पास वोटर आईडी कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक है...बंगाल की 294 विधानसभा सीटों में से 140 सीटें ऐसी है जिनमें अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में है....इसलिए ममता 40 लाख अवैध घुसपैठियों पर नरम रुख अपनाए हुए है........संडे गार्जियन बात करते हुए टीएमसी के नेता ने कहा कि बंगाल में रह रहे ऐसे अवैध नागरिक पार्टी के कोर वोटर बन चुके हैं....और इन्हें अपने साथ जोड़े रखने लिए जरूरी है कि पार्टी NRC का विरोध करे....हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि आगे चलकर ये दांव उल्टा भी पड़ सकता है...क्योंकि राज्य की कुल 9 करोड़ की आबादी में से 8 करोड़ मूल बंगाली आबादी है...और इन्हें ये लग सकता है कि अपने कोर वोट बैंक को खुश करने के लिए दीदी बंगाली समुदाय के हितों के सात समझौता कर रही है..भारत के पूर्वी सीमा पर नजर रखने वाले खुफिया अधिकारियों ने संडे गार्जियन से बात करते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में बंगाल के सीमावर्ती जिलों का डेमोग्राफी बदला है.....मालदा, बसीरहाट, बोगांव, सुंदरबन, जैसे जिलों में हालात खतरनाक है....उदाहरण के लिए बांग्लादेश से सटे मालदा जिले के दो गांवों में हिंदू परिवार पलायन कर शहर चले गए क्योंकि बाहर से आकर बसे लोग उनके साथ मारपीट करते थे....गृह मंत्रालय के सूत्रों भी संडे गार्जियन को बताया है कि बांग्लादेश के आतंकी संगठन असम के हालात पर नजर बनाए हुए हैं...