A Poem By Akshay Jagrotiya.
A Poem That Show Reality Of People's At Need.
दास्तां-ए-दुनियां
हो अगर कोई अपने मतलब का,
तो लोग पहचान लेते हैं।
जरा सी शोहरत क्या मिले ,
गैर भी मान देते हैं।।
जरूरत अगर पड़े किसी की,
अपने भी कहाँ पहचान देते हैं।
छोड़ देते हैं अपने हाल पर
ये दुनिया वाले हैं जनाब,
खाली ज्ञान देते है।।
मत कर मुहब्बत संगदिल से
पछतायेगा,
वो कल किसी ओर का था,
कल किसी ओर का हो जाएगा।
उनको तो कोई फर्क नहीं पड़नेवाला
ए दोस्त
तू नादान है,
टूट कर बिखर जाएगा।
All Right Reserved To O Yes Akshay.
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