रास लीला - दिव्य प्रेम का नृत्य | अर्था । आध्यात्मिक विचार | श्री कृष्णा जन्माष्टमी

Artha 2019-02-05

Views 1

विद्वानों का मानना है कि भगवान कृष्ण के जीवन को दो हिस्सों में बांटा गया है, जहां पहले हिस्से में भगवान कृष्ण गोकुल के सभी प्रकार के हंसी मज़ाक में शामिल हैं। कई शास्त्रों ने इस चरण के बारे में विस्तृत रूप से ग्रंथों में उल्लेख किया है और उनमें मुख्य विषय था रास लीला। आईये जानिये कि वास्तव में भगवान कृष्ण और गोपीकाओं के लिए रास लीला क्या थी?

Don't forget to Share, Like & Comment on this video

Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY

१ रास लीला रहस्यमय नृत्य-रूप है, जिसमें भगवान कृष्ण गोपी या गोपीकाओं (गोकुल के गवालिन्याँ ) के साथ रास लीला किया करते थे

२ यह भगवान कृष्ण की परंपरागत कहानी का एक अनिवार्य हिस्सा है जिस का हिंदू ग्रंथों और साहित्य में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है

३ शब्द रास का वास्तव में अर्थ है "सौंदर्यशास्त्र" और लीला यानि कि " नाटक " " खेल " या "नृत्य"

४ भगवान कृष्ण ने हमेशा गोपीकाओं को नृत्य करने और हंसी मज़ाक के लिए आकर्षित किया, जहां गोपियाँ उनकी बांसुरी के धुनों पर नाचती और गाती थीं

५ विभिन्न सामाजिक कार्यकर्मों के दौरान, कलाकारों और भक्तों द्वारा इस रास लीला को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है

६ कृष्ण भक्ति परंपराओं में, रास लीला को भगवान कृष्ण के भूतकाल का सर्वोच्च और सबसे अधिक गोपनीय भाग माना जाता है

७ भारत में इस तरह के विभिन्न कला रूपों और सांस्कृतिक चित्रणों पर अधिक जानकारी पाने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें। इस विडियो के बारे में आपकी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें

Like us @ Facebook - https://www.facebook.com/ArthaChannel/
Check us out on Google Plus - https://goo.gl/6qG2sv
Follow us on Twitter - https://twitter.com/ArthaChannel
Follow us on Instagram -https://www.instagram.com/arthachannel/
Follow us on Pinterest - https://in.pinterest.com/channelartha/
Follow us on Tumblr - https://www.tumblr.com/blog/arthachannel

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS