यह फूल शिव पूजा में सबसे पसंदीदा घटक के रूप में माना जाता था। हालांकि, अब भगवान शिव की पूजा करते समय भक्तों को इन फूलों का उपयोग करने से मना किया जाता है। इस वीडियो में देखिये की क्यों भगवान शिव की पूजा में चंपा के फूल नहीं चढ़ाए जाते
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१ चंपा फूल के अर्धा दर्जन से भी ज्यादा अलग अलग प्रकार है और विभिन्न भाषाओं में इसे अलग़ नामों से जाना जाता है
२ ये सभी फूल अपनी अति सुगंध के लिए प्रसिद्ध हैं और प्राचीन काल से ही भारतीय परंपराओं का हिस्सा हैं
३ इस खूबसूरत, सुगंधित हलके पिले रंग के फूल का अक्सर पूजा और अन्य धार्मिक समारोहों में और विशेष रूप से देवी लक्ष्मी के लिए इस्तेमाल किया जाता है
४ हालांकि, यह फूल भगवान शिव की पूजा से दूर रखा गया है और शिव पुराण में इसके पीछे कारण समझाया है
५ इस ग्रंथ में एक आकर्षक कहानी है, जहां यह उल्लेख किया गया है कि भगवान शिव वास्तव में किसी भक्त को मना नहीं करते अगर उसने चंपा के फूलों से पूजा की हो तो
६ एक बार नारद मुनि को पता चला की एक ब्राम्हण ने अपनी दुष्ट इच्छाओं के लिए चंपा के फूल तोड़े
७ पर जब नारद मुनि ने चंपा वृक्ष से पूछा, कि क्या किसी ने फूलों को तोड़ा, तो पेड़ से इनकार किया
८ हालांकि नारद मुनि ने जब पास ही के शिव मंदिर में शिव लिंग को चंपा फूलों से ढंका हुआ पाया तो उन्हें सत्य का ज्ञान हुआ
९ ऋषि नारद ने चंपा के पेड़ को शाप दिया कि उसके फूल भगवान शिव की पूजा में कभी स्वीकार नहीं किए जाएंगे क्यूंकि चंपा वृक्ष ने उन्हें झूठ कहा और उन्हें गुमराह किया था
१० और यही कारण के वजह से भगवान शिव को अपने पसंदिता फूल से दूर रहना पड़ा और उनकी पूजा में इसका उपयोग नहीं किया जाता। ऐसी और रोचक बातों के लिए हमसे जुड़े रहे
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