ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।´ इस मंत्र का जप कीजिए कम से कम दिन में 21 बार. इसका अर्थ भी जान लीजिए
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