दूसरी तरफ प्रदेश के लोकसभा सीटों पर जातीय समीकरण, क्षेत्र में उनकी पकड़ और किए गए कामकाज को आधार माना गया है. वैसे भी पार्टी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. ऐसे में कभी चुनाव लड़ने के लिए तो कभी लड़ाने के लिए कार्यकर्ता हमेशा तैयार रहते हैं. बीजेपी प्रवक्ता समीर सिंह का कहना है कि पार्टी बड़े नेताओं के संसदीय क्षेत्र में बदलाव नहीं करने का मन बना रही है. वैसे भी बीजेपी सबसे अंत में अपने प्रत्याशियों के नाम सामने लाने में विश्वास रखती है.