बीकानेर में सोमवार को हर्ष व व्यास जाति के लोगों तथा उनके सगे संबंधियों के बीच परंपरागत पानी का डोलची मार खेल खेला गया. होली के अवसर पर आयोजित होने वाले इस खेल में हर आयु वर्ग के सजातीय बंधुओं ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया. इसमें लोगों ने एक दूसरे की पीठ पर चमड़े की बनी डोलची में पानी भर एक दुसरे के शरीर पर पानी का वार किया. इस अनूठे आयोजन को देखने के लिये घरों पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी. खेल समाप्ति पर हर्ष जाति के लोगों ने गुलाल उछाला और इस खेल के समाप्ति की घोषणा की. शहर के भीतरी हिस्से में स्थित हर्षो व व्यासों के चौक की डोलची मार होली तो प्रेम व सोहार्द की अद्भुत मिसाल है, जो सदियों पहले दोनों जातियों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद हुए समझौते के बाद से ये खेली जाती है. में सोमवार को हर्ष व व्यास जाति के लोगों तथा उनके सगे संबंधियों के बीच परंपरागत पानी का डोलची मार खेल खेला गया. होली के अवसर पर आयोजित होने वाले इस खेल में हर आयु वर्ग के सजातीय बंधुओं ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया. इसमें लोगों ने एक दूसरे की पीठ पर चमड़े की बनी डोलची में पानी भर एक दुसरे के शरीर पर पानी का वार किया. इस अनूठे आयोजन को देखने के लिये घरों पर बड़ी संख्या में भीड़ जुटी. खेल समाप्ति पर हर्ष जाति के लोगों ने गुलाल उछाला और इस खेल के समाप्ति की घोषणा की. शहर के भीतरी हिस्से में स्थित हर्षो व व्यासों के चौक की डोलची मार होली तो प्रेम व सोहार्द की अद्भुत मिसाल है, जो सदियों पहले दोनों जातियों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद हुए समझौते के बाद से ये खेली जाती है.