हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार घाटी के बला गांव में बीते वर्ष से लगातार पशु बलि के मामले सामने आ रहे हैं. पशु बलि न चाहने वाले लोगों की शिकायत जब कुल्लू प्रशासन ने नहीं सुनी तो अब राज्यपाल आचार्य देवव्रत के दर पर पहुंच गए हैं. गौरतलब है कि हिमाचल में पशु बलि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बंद है, लेकिन कई ऐसे भी इलाके हैं जहां पर लोगों ने खुद ही सालों पहले बलि बंद कर दी थी. इन्हीं में से एक क्षेत्र कुल्लू जिले की बंजार घाटी का बलागाड़ पंचायत का बला गांव है, जहां पर स्थानीय देवता मारकंडेय ऋषि और माता त्रिपुरा बाला सुंदरी के नाम पर फिर से बलि प्रथा शुरू कर दी गई है. यहां 1984 के बाद से ही बलि प्रथा पर रोक लगी हुई थी.