The North Node of the Moon is called RAHU in Vedic astrology and the South Node is called KETU. They are called dark or shadow planets, because of the Nodes' association with the phenomena of eclipses. They have no sign ruler ships, although they are said to favor Mercury and Jupiter's signs according to some authorities, while others claim that Rahu favors the sign of Aquarius and Ketu the sign of Scorpio. Rahu, the North Node of the Moon means to conceal, engulf or hide in Sanskrit.
राहू और केतु ये दोनों छाया ग्रह हैं और करीब 18-18 माह तक एक ही राशि में रहते हैं और हमेशा वक्री रहते हैं। अक्सर राहू और केतु का नाम सुनते ही हर इंसान कांप उठता है। कुंडली में अगर राहू और केतु बैठ जाते हैं तो पूरी कुंडली को हिलाकर रख देते हैं। आइये आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानते हैं की राहू और केतु का जन्म आखिर हुआ कैसे था...