मसूद अज़हर को ब्लैक लिस्ट किए जाने और वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने को लेकर चीन के राज़ी होने पर सबके मन में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा कैसे हो गया? जो चीन पिछले दस सालों से इस काम में रोड़े अटका रहा था वह आखिर इस बात के लिए मान कैसे गया? लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में जो घटनाएं घटित हुईं उन पर अगर नज़र दौड़ाई जाए तो इसे समझना थोड़ा आसान हो जाएगा.