लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत या नागरिकों के मूल अधिकारों का ही जब हनन हो तो फिर कोई आचार संहिता की आड़ में लापरवाही या राजनीतिक लाभ-हानी की सोच भी कैसे सकता है. राजस्थान के अलवर में पति के सामने युवती से बदसलूकी और गैंगरेप जैसी शर्मानाक वारदात के बाद पुलिस की लापरवाही और सरकार के मौन पर विपक्ष, दलित संगठन, महिला संगठन और तमाम सामाजिक संगठन आवाज उठा रहे हैं. सब ओर इस दरिंदगी के साथ लापरवाह पुलिस को लेकर आलोचना हो रही है. बीजेपी ने तो इस घटना के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था समाप्त होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफा तक मांग लिया है.