बीते महीने अप्रैल में जेट एयरवेज ने सारी उड़ानें बंद कर दी। लीज पर लिए गए विमान वापस हो गए। हजारों कर्मचारियों को 3 माह से वेतन नहीं मिला। कंपनी के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन जारी है। जेट पर बैंकों का 15 हजार करोड़ का कर्ज बकाया है। अब बैंकों को जेट के खरीददार की तलाश है। अगर ऐसा न हुआ तो वो दिवालिया घोषित हो जाएगी। मशहूर लेखक चेतन भगत ने जेट मामले का एनालिसिस किया है। उन्होंने बताया, बैंक ने कहां गलती की, कैसे नुकसान हुआ और कैसे इसे रोका जा सकता था...