उज्जैन. सावन महीने के पहले सोमवार पर 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा। तड़के सुबह 3 बजे भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक किया गया। इसके बाद विधि-विधान से पंडे-पुजारियों ने महाकाल की भस्मारती की। अपने आराध्य के दर्शन को देर रात से ही देश और दुनिया से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम को बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकलेगी।