लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल मंगलवार को पास हो गया। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े। अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया था। इसके बाद 2 साल में यह बिल 2 बार लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अटक गया। आम चुनाव के बाद तीसरी बार यह विधेयक 25 जुलाई को लोकसभा से पारित हुआ। 5 दिन बाद ही यह राज्यसभा से भी पास हो गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। तीन तलाक देने के दोषी पुरुष को 3 साल की सजा सुनाई जाएगी। पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग कर सकेंगी।