रायसेन. ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास से जुड़े मामले अक्सर ग्रामीणों की जान मुश्किलों में डालते आए हैं। इसके बाद भी झाड़-फूंक और टोने-टोटकों का सहारा लेने के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में नागपंचमी के अवसर पर तहसील के रामरसियाधाम सीहोरा खुर्द में एक नागों की अदालत देखने को मिली। बताते हैं कि यह आयोजन हर साल होता है। यहां लोग साल भर के दौरान नागों से सताने के बाद दरबार में हाजिरी लगाते हैं। सर्पदंश से पीड़ित लड़की और लड़के ने हाथ से सांप का फन जैसी आकृति बनाकर बताया कि उन्हें नाग-नागिन ने क्यों काटा।
तहसील मुख्यालय गैरतगंज से 10 किमी दूर सिलवानी रोड स्थित ग्राम सीहोरा खुर्द हनुमानजी और शिवजी के सिद्ध स्थान के लिए प्रसिद्ध है। सीहोरा ग्राम के भीतरी क्षेत्र में नागदेव का चबूतरा है। यहां प्रतिवर्ष नागपंचमी के मौके पर नागों की अदालत लगती है। मान्यता है कि सालभर में सर्पदंश से पीड़ित लोग सीहोरा पहुंचकर पंडा अजब सिंह से गांसी बंधवाते हैं, जिससे उन्हें लाभ प्राप्त होता है। बाद में उन्हें नागपंचमी पर पुनः सीहोरा पहुंचना होता है।
सांपों से पूछा- काटने का कारण
नागपंचमी पर नागदेव के चबूतरे पर नागों की अदालत लगी। दूर-दराज से दर्जनों लोग सर्पदंश से पीड़ित पहुंचे। यहां पंडा की मौजूदगी में बारी-बारी से पीड़ित रहे दर्जनभर से अधिक लोगों से बातचीत की गई। फिर दावा किया कि शरीर में नागों की आत्मा ने प्रवेश कर संबंधित व्यक्ति को आहत किया। यही भी कहा कि प्रविष्ट नाग की आत्मा ने भविष्य में किसी व्यक्ति को पीड़ा न पहुंचाने की वचनबद्धता भी जताई।