गणेशजी को दूर्वा क्यों चढ़ाते हैं?

DainikBhaskar 2019-09-02

Views 2

अनलासुर नाम का एक असुर था। जिससे स्वर्ग में देवता और धरती पर सभी प्राणी त्रस्त थे। अनलासुर ऋषि-मुनियों और आम लोगों को जिंदा निगल जाता था। उससे त्रस्त होकर देवराज इंद्र सहित सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव से प्रार्थना करने पहुंचे। सभी ने शिवजी से प्रार्थना की कि वे अनलासुर का नाश करें। शिवजी ने सभी देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की प्रार्थना सुनकर कहा कि अनलासुर का अंत केवल गणेश ही कर सकते हैं। इसके बाद सभी गणेशजी के पास पहुंचे और अनलासुर का आतंक खत्म करने की प्रार्थना की।

सभी प्रार्थना सुनकर गणेशजी ने अनलासुर को निगल लिया। इसके बाद उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। कई प्रकार के उपाय किए गए, लेकिन गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हो रही थी। तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर श्रीगणेश को खाने को दी। जब गणेशजी ने दूर्वा ग्रहण की तो उनके पेट की जलन शांत हो गई। तभी से श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई।

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS