15 साल पहले भटककर सरहद पार पाकिस्तान पहुंच गई 8 साल की मासूम मूक-बधिर बच्ची आज 23 साल की युवती गीता के रूप में अपने वतन लौट आई है। कराची से आज सुबह गीता को दुल्हन की तरह रवाना किया गया और वह लाल जोड़े में तोहफों के साथ दिल्ली पहुंची। पाकिस्तान में उसे सालों से पनाह दे रहे स्वयंसेवी संगठन ईधी फाउंडेशन के 5 प्रतिनिधि भी उसके साथ आए हैं, जिन्हें भारत सरकार के मेहमान का दर्जा दिया गया है। पाकिस्तान उच्चायोग आज शाम को गीता को भारत को सौंपेगा। उससे पहले उसका डीएनए टेस्ट होगा, जिसका मिलान बिहार के सहरसा गांव के जनार्दन महतो से किया जाएगा, जो गीता को अपनी खोई हुई बेटी बताने का दावा कर रहा है।