नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा कालेधन और जाली नोटों से देश को मुक्ति दिलाने के लिए पुराने नोटों को बंद किए जाने के निर्णय के खिलाफ जनता की दिक्कतों का हवाला देकर अब सभी विपक्षी दल एकजुट होने लगे हैं। कभी एक-दूसरे के विरोधी रहे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भी अब साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। राज्य और केंद्र में सरकार के साथ गठबंधन में खड़ी शिवसेना भी अब सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर इस मामले में संसद से सड़क तक हमले तेज कर दिए हैं। इस मामले में विपक्ष के दो गुट नजर आ रहे हैं। एक गुट कांग्रेस की अगुवाई वाला है, दूसरा केजरीवाल और ममता की
अगुवाई वाला गुट। समाजवादी पार्टी और बहुजन पार्टी भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ साथ-साथ खड़े हैं, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल, द्रमुक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, झामुमो और वाइएसआर कांग्रेस भी कांग्रेस के साथ खड़े हैं। दूसरी ओर भाजपा के सहयोगी दलों में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस निर्णय का पुरजोर विरोध कर विपक्ष का साथ देने का ऐलान किया है।