दरअसल, संतोष देसाई ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में लिखे अपने एक कॉलम में मीडिया के हालात की समीक्षा की है. नीरव मोदी घोटाले पर चैनलों ने जिस तरह की कवरेज की है, उसने देसाई को काफी हैरान किया. देसाई का मानना है कि बिना दांत का मीडिया, उन सरकारों तक के लिए फायदे का सौदा नहीं है जिनकी वकालत करने का वो दम भरता है.