भोपाल. इस साल बादलों के मिज़ाज कुछ अलग रहे, इसलिए आपका प्रिय अभिव्यक्ति गरबा जो हर साल नवरात्रि पर होता था, नहीं हो पाया। बादलों का मिजाज शुक्रवार को भी बदला हुआ था और हल्की फुहारें भी पड़ीं। मानों बादल भी अभिव्यक्ति का शुभारंभ करना चाह रहे हों, इसके बाद भी न गरबा करने वालों के पैर थमे...न उत्साह कम हुआ...अभिव्यक्ति जारी रही। इस तरह 21वां अभिव्यक्ति गरबा शुक्रवार शाम 7.30 बजे से भेल दशहरा मैदान में शुरू हो गया। मंच को गोंड थीम पर सजाया गया है।