रावण को मारने के बाद भगवान श्रीराम करीब 7090 साल पहले लंका से अयोध्या वापस लौटे थे। रामायण और तमाम रिपोर्ट्स के अनुसार घर वापसी के दौरान 8 जगह ऐसी हैं जहां पर भगवान राम के गुजरने के साक्ष्य मिलने का दावा किया गया है। आज हम आपको भगवान की यात्रा के पहले पड़ाव के बारे में बता रहे हैं।
लंका से अयोध्या के लिए उड़ा रामजी का पुष्पक विमान रामेश्वरम के गंधमादन पर्वत पर उतरा। आज यहां राम पादनम मंदिर है। मान्यता है कि रावण जैसे ब्राह्मण को मारने से राम पर ब्रह्महत्या का दोष लगा। इसे दूर करने के लिए वे अगस्तय और बाकी मुनियों से मिले। उनके बताए अनुसार राम-सीता सहित सब पैदल चलकर अग्नितीर्थ (गन्धमादन पर्वत से करीब 2 किमी दूरी पर समुद्र का किनारा) पहुंचे। यहां भगवान शिव की पूजा करनी थी। पूजा करने के लिए राम ने हनुमान को कैलाश से शिवलिंग लाने को कहा। काफी देर होने के बाद भी हनुमान नहीं लौटे। मुहूर्त बीतता देख सीताजी ने गीली मिट्टी से शिवलिंग बनाकर राम के साथ पूजा शुरू कर दी। कुछ देर बाद हनुमान दोनों हाथों में शिवलिंग लेकर वापस आए। श्रीराम से इस शिवलिंग को स्थापित करने को कहा। जवाब में श्रीराम ने हनुमान से कहा कि जो शिवलिंग सीता ने लगाया है, उसे उखाड़ कर अपना वाला स्थापित कर दो। हनुमान अपनी पूंछ से सीता का बनाया शिवलिंग उखाड़ने लगे। उनकी पूंछ टूट गई, लेकिन शिवलिंग नहीं हिला। आज इस जगह पूंछहीन हनुमान का मंदिर है।