हर त्योहार के साथ कोई परंपरा जरूर जुड़ी होती है। इन परंपराओं के कुछ सकारात्मक पक्ष होते हैं वहीं कुछ नकारात्मक भी। दीपावली की रात जुआ खेलना भी इस पर्व से जुड़ा एक नकारात्मक पक्ष है। कथा है कि दीपावली के दिन भगवान शिव और पार्वती ने भी जुआ खेला था, तभी से ये प्रथा दीपावली के साथ जुड़ गई है। हालांकि शिव व पार्वती द्वारा दीपावली पर जुआ खेलने का ठोस तथ्य किसी ग्रंथ में नहीं मिलता। जुआ एक ऐसा खेल है जिससे इंसान तो क्या भगवान को भी कई बार भयंकर मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। जुआ, सामाजिक बुराई होकर भी भारतीय मानस में गहरी पैठ बनाए हुए है।