मेरा नाम है जहीर उद दीन मोहम्मद babur। वही babur जिसने 1526 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोधी को हराकर भारत में मुगल सल्तनत की नींव रखी। मैंने अपने जीते जी कई जंगें लड़ीं...कत्ल ओ गारत का एक पूरा दौर देखा। मैं लुटेरा था और भारत सोने की चिडि़या। मेरे पास लड़ाके ज्यादा नहीं थे, पर जितने भी थे वो वफादार थे। मैंने हिंदुस्तान के तख्त पर बैठने का हसीन ख्वाब देखा था, जो पूरा भी हुआ। हिंदुस्तान से सैकड़ों किलोमीटर दूर काबुल के बाग ए बाबर में दफन मैं बाबर आज आपसे रू-ब-रू हूं, क्योंकि बाबरी पर कुछ इधर-उधर की बातें हो रही हैं।