जब ज़बरदस्ती कुछ करना पड़े || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
२० अक्टूबर २०१४
ए.के.जी.ई.सी, ग़ाज़ियाबाद

प्रसंग:
प्रतिभा (टैलेंट) क्या होती है?
कैसे पहचानूँ कि मेरी प्रतिभा (टैलेंट) क्या है?
प्रतिभा (टैलेंट) कैसे बढ़ाये?
क्या प्रतिभा (टैलेंट) बढ़ाना आवश्यक है?
प्रतिभा (टैलेंट) का निर्धारण कैसे करें?
असली प्रतिभा (टैलेंट) क्या है?
कोई भी काम होश में क्यों करते है?
माँ-बाप तो हमारी मदद ही करना चाहते है, फिर बात उलटी क्यों पड़ जाती है?
माँ-बाप गुरु क्यों नहीं हो पाते है?

संगीत: मिलिंद दाते

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