मन तुम्हारा पूरा भय से युक्त,कभी मत कहना तुम भय से मुक्त || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

Views 18

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ अप्रैल २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
भय से भक्ति करें सबे, भय से पूजा होय |
भय पारस है जीव को, निरभय होय न कोय ||

प्रसंग:
मन तुम्हारा पूरा भय से युक्त,कभी मत कहना तुम भय से मुक्त?
"भय से भक्ति करें सबे, भय से पूजा होय" कबीर किस भय की बात कर रहे है?
भय से कैसे मुक्ति मिलेगी?
अपने अंदर भय कहाँ से उठती हैं?

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS