वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ फ़रवरी २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
दोहा:
कबीर बादल प्रेम का, हम पर बरसा आई।
अंतर भीगी आत्मा, हरी भई बनराई संत कबीर।।
~ गुरु कबीर
प्रसंग:
प्रेम का क्या अर्थ है?
कबीर क्यों कह रहे हैं कि प्रेम तुम्हें पूरा भिगा देगा?
प्रेम में भीगने का क्या अर्थ है?