सत्य ही वर्तता और वर्तमान ही सत्य || आचार्य प्रशांत (2014)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
८ अक्टूबर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
सत्य कैसे लायें जीवन में?
क्या वर्तमान में होने का अर्थ सत्य में होना है?
सत्य की जीवन में क्या ज़रूरत है?

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