आनंद सब लक्ष्यों का मूल है, और सब लक्ष्यों से बड़ा है || आचार्य प्रशांत (2016)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२९ मई, २०१६
रमण केंद्र
दिल्ली

प्रसंग:
क्या जीवन में लक्ष्य होने ज़रूरी हैं?
लक्ष्य की प्राप्ति कैसे करें?
जीवन में आनंद बड़ा या लक्ष्य?

संगीत: मिलिंद दाते

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