वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, पार से उपहार
२४ मार्च, २०१८
हुमायूँ का मकबरा, दिल्ली
प्रसंग:
दूसरों को जज करना सही या गलत?
जज करने का क्या अर्थ है?
अपन मूल्यांकन कैसे करें?
अपने भीतर की कमियाँ कैसे दूर करें?
हमें दूसरे के भीतर की कमियाँ दिख जाती हैं पर अपने अंदर क्यों नहीं?
ईसा मसीह ने ऐसा क्यों कहे की दूसरे को जज मत करों?
जीवन में इतना संशय क्यों है?