मैं जानता हूँ'-सबसे अधार्मिक वचन || आचार्य प्रशांत, गुरु नानक पर (2014)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२६ अक्टूबर २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा

पौड़ी : (जपुजी साहिब, नितनेम)
बहुता कहीऐ बहुता होइ ॥
असंख कहहि सिरि भारु होइ ॥

प्रसंग:
कैसे जानूं की क्या है अधर्म?
अधर्म से कैसे बचें?
कौनसे वचन अधार्मिक हैं?

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