मुक्ति की चाह ही न हो तो? || आचार्य प्रशांत (2016)

Views 1

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२१ फरवरी, २०१६
रमण महर्षि केंद्र, नई दिल्ली

प्रसंग:
मुक्ति क्या है?
मनुष्य में ही मुक्ति की चाह क्यों उठती है?
क्या मुक्ति साधना कर के ही मिल पायेगी?
मुक्ति क्यों आवश्यक है?
हमें क्या रोके रखती है मुक्ति से?
हर दिन कि गतिविधियों के मध्य मुक्ति कैसे मिले?
आम जीवन में मुक्ति का क्या अर्थ है?
मुक्ति की चाह ही न हो तो?

संगीत: मिलिंद दाते

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS