जिस दवा से मर्ज़ दूर हो रहा हो, उसे नमन करो और लेते रहो || आचार्य प्रशांत (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ जनवरी २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
जिस दवा से मर्ज़ दूर हो रहा हो, उसे नमन करो और लेते रहो?
मन एक ही चीज को बार-बार क्यों दुहराता है?
मन को कैसे समझे?
मन नमन करना क्यों नहीं चाहता है?

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