नया जीवन धीरे धीरे आता है, या एक छलाँग में? || आचार्य प्रशांत (2014)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२३ मार्च २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
नया जीवन धीरे धीरे आता है, या एक छलाँग में?
नये जीवन से डर क्यों लगता है?
अपने मूल से छेड़-छाड़ का क्या अभिप्राय है?

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