वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२८ जुलाई, २०१७
जिम कॉर्बेट, रामनगर
प्रसंग:
क्या है जो समझ के परे है?
क्या जो समझ के परे है वही अद्भुत होता है, जैसे ईश्वर?
मन क्या है?
मन इतना धूर्त क्यों होता हैं?
अज्ञेयता का मतलब क्या होता है?
क्या ब्रह्म को जाना जा सकता है?
जब -जब कण -कण में ईश्वर है फिर दिखाई क्यों नहीं पड़ता है?
संगीत: मिलिंद दाते